हममे से ज्यादातर लोग विन्डोज़ का इस्तेमाल करते हैं । कभी लिनक्स का स्वाद चखने की ईच्छा हुई तो लाइव सी डी चला लेते हैं। इंस्टाल करने की ईच्छा हुई तो अलग से पार्टीशन बना के इंस्टाल भी कर देते हैं । और अगर आपको फिर कोई नया लिनक्स डालना हुआ तो फिर वही formatting करने वाला झंझट । वैसे भी हार्ड डिस्क को ज्यादा फार्मेट नही करना चाहिऐ।
तो फिर किया क्या जाये। आप किसी भी अन्य आपरेटिंग सिस्टम को वर्चुअल मशीन मे इंस्टाल करके उसका आनंद ले सकते हैं ।
वर्चुअल मशीन क्या है ?
ये एक ऐसा साफ़्टवेयर है जो कि आपके कंप्यूटर के अंदर चलकर आपको एक या एक से अधिक वर्चुअल कंप्यूटर का निर्माण करता है । हर वर्चुअल कंप्यूटर अपने आप मे एक सम्पूर्ण मशीन होता है जिसमे वर्चुअल हार्ड ड्राइव होती है। आपके होस्ट आपरेटिंग सिस्टम मे ये हार्ड ड्राइव एक फ़ाइल के रुप मे दिखाई देती है। जिसे आप जब चाहे मिटा सकते हैं ।वर्चुअल मशीन को चलाने के लिए कम से कम ५१२ एम् बी रैम हो तो बेहतर है क्यूंकि आपको अपने एक वर्चुअल कम्प्यूटर को चलाने के लिए उसे रैम एलाकेट करनी होती है।
microsoft वर्चुअल पी सी के नाम से वर्चुअल मशीन फ्री मे डाउनलोड करने की सुविधा देती है । इसके अलावा वर्चुअल बॉक्स से भी ये काम सुविधाजनक रुप से किया जा सकता है।मैंने mandriva linux वर्चुअल बाक्स मे इंस्टाल किया है ये देखिए स्क्रीन शॉट:
वर्चुअल मशीन के उपयोग :
१) आपके पास एक ऐसा साफ़्टवेयर है जो विन्डोज़ के पुराने versions मे चल जाता था पर विन्डोज़ एक्स पी मे नही चल पा रहा है तो आप वर्चुअल मशीन मे पुराना आपरेटिंग सिस्टम डालकर उसमे वो साफ़्टवेयर चला सकते हैं।
२) linux को ट्राई करने के लिए वर्चुअल मशीन बेस्ट है।
३) नौसिखिये linux को इसके द्वारा सीख सकते हैं।ध्यान रखें :एक बार आपरेटिंग सिस्टम इंस्टाल हो जाने के बाद उसमे एंटी वायरस इंस्टाल जरूर कर लें।अगर आप Microsoft Virtual PC का उपयोग कर रहे हैं और विन्डोज़ को उसमे इंस्टाल किया है तो वर्चुअल पी सी एडीशन जरूर इंस्टाल कर लें। इसके द्वारा आप गेस्ट और होस्ट आपरेटिंग सिस्टम मे फाइलों का आदान प्रदान कर सकते हैं। हालांकि वर्चुअल पी सी लीनक्स मे ये सुविधा नही देता है।
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